किसे कहूं अपना सब अपने पराये होते जा रहे है।

किसे कहूं अपना सब अपने पराये होते जा रहे है।
मेरे पास अपना सिर्फ आंशू है जो रोज मिलने आते है,
मेरे गालो को सहलाते हुए कलेजे को ठंडा कर चले जा रहे हैं। 
किसे कहूं अपना सब अपने पराये होते जा रहे है।
दुनिया में माँ बाप ही थे अपने जो वह भी जीने का आशीर्वाद देकर चले जा रहे है।
शायद मुझमें ही कमी थी जो पराये को समझ बैठे थे अपना।
किसे कहूं अपना सब अपने पराये होते जा रहे है।
भाई, बहन, बीबी, बच्चे सब अपनो को बीच रास्ते में छोड़ आगे निकल जा रहे है।
अपना तो सिर्फ आंशू है जो पीड़ा सुन निकलकर चले आते है।
किसे कहूं अपना सब अपने पराये होते जा रहे है।
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